बुद्धि बड़ी की बड़ा है बल
प्रश्न नहीं है बहुत सरल
असुर बहुत बलशाली थे
पर बुद्धि से खाली थे
गया हार उनका छल-बल
देव बुद्धि से हुए सबल
हनुमान सुरसा के मुख से
छोटे होकर गये निकल
लक्छ्मन जी को तीर लगा
मूर्छित हो गए राम विकल
हनुमान को अतुलित बल
औषधि लाने गए निकल
समझ न पाए औषधि कौन
बुद्धि यहाँ पर हो गयी मौन
उठा लिया पर्वत को तौल
यहाँ काम आया था बल
अवसर ही बतलाता है
कौन काम कब आता है ||
प्रश्न नहीं है बहुत सरल
असुर बहुत बलशाली थे
पर बुद्धि से खाली थे
गया हार उनका छल-बल
देव बुद्धि से हुए सबल
हनुमान सुरसा के मुख से
छोटे होकर गये निकल
लक्छ्मन जी को तीर लगा
मूर्छित हो गए राम विकल
हनुमान को अतुलित बल
औषधि लाने गए निकल
समझ न पाए औषधि कौन
बुद्धि यहाँ पर हो गयी मौन
उठा लिया पर्वत को तौल
यहाँ काम आया था बल
अवसर ही बतलाता है
कौन काम कब आता है ||
waah sir!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर बाल रचना .!
जवाब देंहटाएंRECENT POST - आँसुओं की कीमत.
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