मन व्यथित है, उर विह्वल है,
हृदय पर है बोझ भारी,
शौर्य क्षत सम्पाति सा है,
वेदना से ख़ुशी हारी।
काल-रथ आरूढ़ होकर
चल रहे सब मूर्ख, ज्ञानी,
क्षण-क्षण बदलते विश्व में
सब कल्पनाओं की कहानी।
ना अमिट है, ना अमर है
कर्म की कोई सुगाथा,
वंचनाओं से भ्रमित सब
गा रहे निज शौर्य गाथा।
संसार पारावार में तृण-पर्ण
से हम बह रहे हैं,
कोटिशः आवृत हुई है
वह कहानी कह रहे हैं
और हम समझे यही हैं
यह कहानी है हमारी।
मन व्यथित है, उर विह्वल है,
हृदय पर है बोझ भारी।।
-‘विजय’
हृदय पर है बोझ भारी,
शौर्य क्षत सम्पाति सा है,
वेदना से ख़ुशी हारी।
काल-रथ आरूढ़ होकर
चल रहे सब मूर्ख, ज्ञानी,
क्षण-क्षण बदलते विश्व में
सब कल्पनाओं की कहानी।
ना अमिट है, ना अमर है
कर्म की कोई सुगाथा,
वंचनाओं से भ्रमित सब
गा रहे निज शौर्य गाथा।
संसार पारावार में तृण-पर्ण
से हम बह रहे हैं,
कोटिशः आवृत हुई है
वह कहानी कह रहे हैं
और हम समझे यही हैं
यह कहानी है हमारी।
मन व्यथित है, उर विह्वल है,
हृदय पर है बोझ भारी।।
-‘विजय’
ब्लॉग और गाफिल का आभार जो
जवाब देंहटाएंऐसी उत्कृष्ट रचनाओं का मनन
और गायन सुख प्राप्त हो रहा है ||
श्रीमान जी को बहुत बहुत बधाई ,
इस प्रभावी कृति के लिए |
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर!
जवाब देंहटाएंसुन्दर, कथ्य और तथ्य दोनों ही स्पष्ट. आभार...
जवाब देंहटाएंbahut sunder shabdon main likhi anoothi rachanaa.badhaai aapko.
जवाब देंहटाएंplease visit my blog.thanks.
आज 19- 07- 2011 को आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है .....
जवाब देंहटाएं...आज के कुछ खास चिट्ठे ...आपकी नज़र .तेताला पर
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शुद्ध परिमार्जित भाषा में लिखी एक सुन्दर प्रस्तुति हेतु बधाई स्वीकार करें
जवाब देंहटाएंबहुत ही लाजवाब प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत ही लाजवाब प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंलिकं हैhttp://sarapyar.blogspot.com/
आपको मेरी हार्दिक शुभकामनायें.
अगर आपको love everbody का यह प्रयास पसंद आया हो, तो कृपया फॉलोअर बन कर हमारा उत्साह अवश्य बढ़ाएँ।
वाह ..लाजवाब रचना ।
जवाब देंहटाएंबहुत ही लाजवाब प्रस्तुति......लाजवाब रचना
जवाब देंहटाएंव्यथित मन का बहुत सुन्दर चित्रण किया है।
जवाब देंहटाएंकाल-रथ आरूढ़ होकर
जवाब देंहटाएंचल रहे सब मूर्ख, ज्ञानी,
क्षण-क्षण बदलते विश्व में
सब कल्पनाओं की कहानी
बहुत अच्छी...
aap sabko mera abhivadan!!! bahut bahut dhanyabad
जवाब देंहटाएंbahut sundar kavita .
जवाब देंहटाएंbahut hi acchi rachna..purani kavay parampara ki nirbahan karti hui..shandar shado se pallavit hui sarthak kavita..pranam sir
जवाब देंहटाएंआज के हालात को देखते हुए शब्दों के अलंकृत रूप मे मन की व्यथा का वर्णन…मन व्यथित है, उर विह्वल है,
जवाब देंहटाएंहृदय पर है बोझ भारी।।………सुंदर रचना।
बहुत मन मोहक एवं प्रवाहमयी रचना
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