जिसका जीवन श्लाध्य नहीं है,
उसका जीवन भी क्या जीवन।
पूजा, स्तुति, कण्ठी, माला,
तिलक, त्रिशूल, केशरिया बाना,
फिर भी मन आराध्य नहीं है,
उसका जीवन भी क्या जीवन।
जीवन की सारी सुविधाएं
मौन इशारे से पद-तल हों,
मौन-मुखर सारी इच्छाएं
लेश मात्र में ही करतल हों,
जीवन में कुछ साध्य नहीं है
उसका जीवन भी क्या जीवन।
धूप-छांव का खेल न देखा
माटी की महिमा ना जानी,
पर दुःख कातर जो ना रोया,
दिवा-स्वप्न में जो ना खोया,
दिल के हाथों बाध्य नहीं है
उसका जीवन भी क्या जीवन
जीवन जो श्रम-साध्य नहीं है,
उसका जीवन भी क्या जीवन।
-‘विजय’
जीवन में कुछ साध्य नहीं है
जवाब देंहटाएंउसका जीवन भी क्या जीवन।
मानव को सबक देती सुन्दर और सार्थक रचना
कल से रहा था ढूंढता, आज मिले है आप |
जवाब देंहटाएंबड़ा रहा श्रम साध्य ये, फिर भी न संताप ||
पूजा, स्तुति, कण्ठी, माला,
जवाब देंहटाएंतिलक, त्रिशूल, केशरिया बाना,
फिर भी मन आराध्य नहीं है,
.....बहुत सटीक और प्रेरक प्रस्तुति..बधाई
सही अर्थों में, सार्थक जीवन को परिभाषित करता .....सुन्दर गीत
जवाब देंहटाएंभाव और शिल्प...... दोनों से समृद्ध रचना
आपकी इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा कल दिनांक 26-07-2011 को चर्चामंच http://charchamanch.blogspot.com/ पर मंगलवारीय चर्चा में भी होगी। सूचनार्थ
जवाब देंहटाएंsunder prstuti....
जवाब देंहटाएंधूप-छांव का खेल न देखा
जवाब देंहटाएंमाटी की महिमा ना जानी,
पर दुःख कातर जो ना रोया,
दिवा-स्वप्न में जो ना खोया,
दिल के हाथों बाध्य नहीं है
उसका जीवन भी क्या जीवन
dil ke hantho badhya nahi hai...sambedana bihin vyakti abhishap hai..shabd roopi pholone se sajaya gaya behtarin guldaste roopi geet jiski khas baat hai kareene se sajaye gaye shabd..aur mahak.! aur mahak ke to kahne hi kya.dil ko choo gayi...sadar pranama ke sath
अत्यंत सार्थक रचना....
जवाब देंहटाएंसादर
प्रेरणा देती हुई सार्थक रचना
जवाब देंहटाएंवाह वाह्……………सुन्दर और प्रेरक प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंtippdio ke liye aap sab ko dhanyabad
जवाब देंहटाएंप्रेरणादायक प्रस्तुति. आभार.
जवाब देंहटाएंसादर,
डोरोथी.
जीवन जो श्रम-साध्य नहीं है,
जवाब देंहटाएंउसका जीवन भी क्या जीवन।
अक्षरश: सत्य
भावपूर्ण अभिव्यक्ति और सुन्दर प्रस्तुति........ बहुत बहुत बधाई...
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