ज़िन्दगी शर्म से हो रही है पानी-पानी,
आज के हालात कुछ ऐसे हैं।
हराम हो-हलाल हो, पा लेना है,
लोगों के ख़यालात कुछ ऐसे हैं।।
ता’उम्र खोजते रहे जवाब पर पा न सके,
ख़ुदी और ख़ुदाई के सवालात कुछ ऐसे हैं।
यादों के सफ़े पे वो आये और हम खिल उठ्ठे,
ज़िन्दगी के मुलाक़ात कुछ ऐसे हैं।
कुछ भी ग़लत होता है तो, निकलते हैं उनके हाथ,
आज के नेताओं के हाथ कुछ ऐसे हैं।
ख़ून सने होने के बावज़ूद कमल कहलाते,
कहलाते ही रहेंगे इमकानात कुछ ऐसे हैं।
सारी मुख़ालिफ फिज़ाओं के बावज़ूद ‘विजय’
फ़र्ज़ में करें गरल आत्मसात कुछ ऐसे हैं।
-विजय
आज के हालात कुछ ऐसे हैं।
हराम हो-हलाल हो, पा लेना है,
लोगों के ख़यालात कुछ ऐसे हैं।।
ता’उम्र खोजते रहे जवाब पर पा न सके,
ख़ुदी और ख़ुदाई के सवालात कुछ ऐसे हैं।
यादों के सफ़े पे वो आये और हम खिल उठ्ठे,
ज़िन्दगी के मुलाक़ात कुछ ऐसे हैं।
कुछ भी ग़लत होता है तो, निकलते हैं उनके हाथ,
आज के नेताओं के हाथ कुछ ऐसे हैं।
ख़ून सने होने के बावज़ूद कमल कहलाते,
कहलाते ही रहेंगे इमकानात कुछ ऐसे हैं।
सारी मुख़ालिफ फिज़ाओं के बावज़ूद ‘विजय’
फ़र्ज़ में करें गरल आत्मसात कुछ ऐसे हैं।
-विजय
बढ़िया प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंआपके इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा कल दिनांक 09-01-2012 को सोमवारीय चर्चामंच पर भी होगी। सूचनार्थ
वाह!
जवाब देंहटाएंसारी मुख़ालिफ फिज़ाओं के बावज़ूद ‘विजय’
जवाब देंहटाएंफ़र्ज़ में करें गरल आत्मसात कुछ ऐसे हैं।
वाह! शानदार प्रस्तुति.
नववर्ष की आपको हार्दिक शुभकामनाएँ.
मेरे ब्लॉग पर भी आईयेगा,डॉ.साहिब.
बहुत खूब ...बढ़िया गज़ल
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति!
जवाब देंहटाएंbehtreen prastuti ,bahut badhia.
जवाब देंहटाएंहराम हो-हलाल हो, पा लेना है,
जवाब देंहटाएंलोगों के ख़यालात कुछ ऐसे हैं।।
वाह!बहुत सुन्दर
बहुत खूबसूरत प्रस्तुति ||
जवाब देंहटाएंkhubsurat khyalo ki sundar abhivaykti...........
जवाब देंहटाएंआपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 12- 01 -20 12 को यहाँ भी है
जवाब देंहटाएं...नयी पुरानी हलचल में आज... उठ तोड़ पीड़ा के पहाड़
मेरी टिप्पणी नहीं दिख रही .. कमेंट्स के स्पैम में देखिये
जवाब देंहटाएंआपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 12- 01 -20 12 को यहाँ भी है
जवाब देंहटाएं...नयी पुरानी हलचल में आज... उठ तोड़ पीड़ा के पहाड़
आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 12- 01 -20 12 को यहाँ भी है
जवाब देंहटाएं...नयी पुरानी हलचल में आज... उठ तोड़ पीड़ा के पहाड़
लिंक गलत देने की वजह से पुन: सूचना
जवाब देंहटाएंआपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 12- 01 -20 12 को यहाँ भी है
...नयी पुरानी हलचल में आज... उठ तोड़ पीड़ा के पहाड़
वाह ...बहुत खूब ।
जवाब देंहटाएंbehad sundar prastuti...!
जवाब देंहटाएंवाह बहुत खूब
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