अपने अन्दर झाँक ले मानव, तब तो कुछ कर पाएगा,
मानव तू मानव तो बन ले, तब तू सबको भाएगां
सबका खून लाल है बन्दे, जटिल प्रश्न तो नहीं है ये,
सबका स्वामी एक है बन्दे, यही बात हर धर्म कहे।
सारे प्राणी गुण सूत्रों को साझा करते सत्य यही,
मानव सेवा अपनी सेवा ही है कोई फ़र्क़ नहीं।
अन्दर झांको तो पावोगे फ़र्क़ नहीं है हम तुममें,
सुख-दुःख की अनुभूति हृदय में होती है हममें-तुममें।
अन्तर यदि निर्मल है तेरा तो सब एक समान दिखें,
अन्दर झाँको! ख़ुद को समझो! आवश्यकता क्या और लिखें।।
-विजय
मानव तू मानव तो बन ले, तब तू सबको भाएगां
सबका खून लाल है बन्दे, जटिल प्रश्न तो नहीं है ये,
सबका स्वामी एक है बन्दे, यही बात हर धर्म कहे।
सारे प्राणी गुण सूत्रों को साझा करते सत्य यही,
मानव सेवा अपनी सेवा ही है कोई फ़र्क़ नहीं।
अन्दर झांको तो पावोगे फ़र्क़ नहीं है हम तुममें,
सुख-दुःख की अनुभूति हृदय में होती है हममें-तुममें।
अन्तर यदि निर्मल है तेरा तो सब एक समान दिखें,
अन्दर झाँको! ख़ुद को समझो! आवश्यकता क्या और लिखें।।
-विजय
अति उत्तम -
जवाब देंहटाएंआभार ।।
सत्य वचन!
जवाब देंहटाएंअन्तर यदि निर्मल है तेरा तो सब एक समान दिखें,
जवाब देंहटाएंअन्दर झाँको! ख़ुद को समझो! आवश्यकता क्या और लिखें..sabse jaruree baat to ye hee hai...sabse bada chintan manav ke liye maanav hee hai...aaur sabse bada rahsya bee...sadar pranaam ke sath
सारे प्राणी गुण सूत्रों को साझा करते सत्य यही,
जवाब देंहटाएंमानव सेवा अपनी सेवा ही है कोई फ़र्क़ नहीं।
Vaigyanikata ko sajoti hui panktiyan adhayatm aur Vigyan ka sangam kra rahi hain .....tark swath samapt ho jata hai .....bahut achhi rachana ke liye hardik badhai Shukl ji.
सुंदर प्रस्तुति
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